(4) रोमिकामय उपकला, जिसकी कोशिकाएँ स्तंभाकार उपकला के ही समान होती हैं, किंतु उनकी चपटे सिरे से, जो प्रणाली की ओर रहता है, सूक्ष्म बाल सरीखे तंतु निकले रहते हैं।
4.
(4) रोमिकामय उपकला, जिसकी कोशिकाएँ स्तंभाकार उपकला के ही समान होती हैं, किंतु उनकी चपटे सिरे से, जो प्रणाली की ओर रहता है, सूक्ष्म बाल सरीखे तंतु निकले रहते हैं।
5.
हर एक अंकुर में एक लसीका वाहिका या लैक्टीयल (lacteal) होती है जिसके चारों ओर रक्त वाहिकाओं का जाल बिछा होता है तथा यह स्तंभाकार उपकला कोशिकाओं (एन्ट्रोसाइट्स) से ढका रहता है।